गीता-माहात्म्य: जीवन जीने की कला (Gita-Mahatmya: Jeevan Jeene Ki Kala) – This title highlights the Gita-Mahatmya as an art of living

श्रीमद्भगवद्गीता के विषय में जो माहात्म्यपरक वंदना आती है, वहीं से इसका शुभारंभ होता है। भगवान श्रीकृष्ण द्वैपायन व्यास के मुख से निकला स्तुति का वाक्य है- गीता सुगीता कर्तव्या किमन्यैः शास्त्रविस्तरैः । या स्वयं पद्मनाभस्य मुखपद्माद्विनिःसृता ।। “जिसका गायन किया जा सके, ऐसा सुंदर काव्य है गीता। इसके गायन व मनन करने के बाद … Read more

व्यायाम का महत्त्व

कोई देश जिस आधार पर अपनी आंतरिक शांति और बाहरी सुरक्षा बनाए रह सकता है, वह उसकी समर्थता ही है। राष्ट्रों के जीवन की तरह एक व्यक्ति की शांति और सुरक्षा के लिए भी सामर्थ्य अविच्छिन्न तत्त्व है। उसके अभाव में सुख और संतोष का जीवन नहीं जिया जा सकता। यह समर्थता अन्न, वस्त्र, उद्योग, … Read more

श्वास व्यायाम: तन और मन को स्वस्थ रखने का सरल उपाय । Breathing Exercises: A Simple Way to Keep Your Body and Mind Healthy

श्वास व्यायाम के दो अभ्यास योगशास्त्र में वर्णित ‘प्राणायाम’ यद्यपि बहुत प्रभावशाली और लाभदायक क्रिया है, पर साधारण व्यक्ति उसके करने में प्रायः ऐसी भूलें या असावधानी कर जाते हैं, जिससे उसका वास्तविक उद्देश्य पूरा नहीं होता। ऐसे लोगों को प्रायः किसी सुयोग्य शिक्षक से प्राणायाम की शिक्षा प्राप्त करने की सुविधा तो मिलती नहीं, … Read more

श्वास व्यायाम का महत्व: समग्र स्वास्थ्य और जीवनशक्ति के लिए प्राणायाम । Unlocking the Power of Breath: The Importance of Pranayama for Holistic Well-being

प्राण का स्वरूप और शरीर में उसका स्थान अध्यात्म विज्ञान के अनुसार मनुष्य का अन्नमय शरीर दो प्रकार के जीवाणुओं से मिलकर बनता है, इसलिए उसमें प्राण भी दो प्रकार का रहता है- एक स्त्री प्राण और दूसरा पुरुष प्राण। स्त्री प्राण को बाएँ अंग में और पुरुष प्राण को दाएँ अंग में अवस्थित बताया … Read more

श्वास सही तरीके से लीजिए: स्वस्थ जीवन का आधार । Breathing: The Foundation of Life, Learn the Right Way

प्राणशक्ति और प्राणायाम हमारा शरीर पंचतत्त्वों से मिलकर बना है। साधारण दृष्टि से देखने पर मिट्टी, जल, वायु आदि तत्त्व सर्वथा जड़ पदार्थ प्रतीत होते हैं, पर इन्हीं के विधिपूर्वक मिला दिए जाने से मानव देह जैसे अद्भुत क्रियाशील और क्षमतायुक्त यंत्र का निर्माण हो जाता है। सामान्य रीति से देखने पर हमें लाखों मन … Read more

क्या आप दूध सही तरीके से पी रहे हैं? जानिए दूध पीने का सही तरीका । Are You Drinking Milk the Right Way? Know the Right Way to Drink Milk

मनुष्य के भोजन के लिए अब तक जितने पदार्थों की खोज की गई है दूध का स्थान उनमें बहुत ऊँचा है। यद्यपि जन्म लेने के बाद शैशवावस्था में हम सबको कुछ समय तक दूध पर ही निर्भर रहना पड़ता है और उसके बाद भी कई वर्षों तक शरीर को उचित पोषण मिलने के लिए अन्य … Read more

जुलाब की खराबी: कारण, लक्षण और इलाज( Side Effects of Laxatives)। Constipation Causes, Symptoms & Treatment in Hindi

जो लोग कब्ज को दूर करने के लिए तीव्र या सौम्य जुलाब का प्रयोग करते हैं, वे तो एक दृष्टि से अपने पैरों पर आप कुल्हाड़ी मारते हैं। जुलाब में जो औषधियाँ पड़ती हैं, वे प्रायः आमाशय में विकार उत्पन्न करने वाली होती हैं। बहुत-सी जुलाब की औषधियों में तो जमालगोटा जैसा पदार्थ डाला जाता … Read more

कब्ज से मुक्ति: कारण, लक्षण और उपचार(Constipation Relief: Causes, Symptoms, and Home Remedies)

कब्ज के कारण मलाशय की दुर्दशा इस प्रकार जो लोग अप्राकृतिक और अस्वाभाविक रहन-सहन से अपनी आदतों को बिगाड़ लेते हैं, उनकी भोजन पचाने वाली छोटी और बड़ी आँतों की भीतरी दशा बहुत बुरी हो जाती है। यद्यपि ऊपर से उनका स्वास्थ्य मामूली ठीक सा जान पड़ता है। वे नित्य अच्छी तरह खाते और शौच … Read more

रूप को नहीं, सुसंस्कारिता को महत्त्व दिया जाए (The Power of Inner Beauty: Why Character Matters More Than Appearance)

सुंदरता हर किसी को प्रिय है। सुंदर दृश्य, सुंदर स्थान, सुंदर वस्तुएँ मन को भाती हैं। सुंदर चेहरा भी भाए, यह मन की स्वाभाविक विशेषता है। अन्य सद्‌गुणों के साथ-साथ चेहरे का सौंदर्य भी हो तो इसे एक अतिरिक्त विशेषता रूप-आकार को मानना चाहिए। जहाँ रूप को ही प्रधानता दी जाती है तथा अन्य मानवोचित … Read more

अपने विवाह को मजबूत बनाएं: पश्चिम के ग्रहण से कैसे बचें(How to Protect Your Marriage from the Eclipse of the West)

दांपत्य जीवन की सुव्यवस्था पर पारिवारिक, सामाजिक, व्यक्तिगत, सभी प्रकार की उन्नति प्रगति निर्भर करती है। पति-पत्नी के सहयोग, एकता, परस्पर आत्मोत्सर्ग, त्याग, सेवा आदि से दांपत्य जीवन की सुखद और स्वर्गीय अनुभूति सहज ही की जा सकती है। जब इनमें किसी तरह का व्यतिरेक और व्यतिक्रम उत्पन्न होता है तो वह विवाह- विच्छेद के … Read more