रूप को नहीं, सुसंस्कारिता को महत्त्व दिया जाए (The Power of Inner Beauty: Why Character Matters More Than Appearance)

सुंदरता हर किसी को प्रिय है। सुंदर दृश्य, सुंदर स्थान, सुंदर वस्तुएँ मन को भाती हैं। सुंदर चेहरा भी भाए, यह मन की स्वाभाविक विशेषता है। अन्य सद्‌गुणों के साथ-साथ चेहरे का सौंदर्य भी हो तो इसे एक अतिरिक्त विशेषता रूप-आकार को मानना चाहिए। जहाँ रूप को ही प्रधानता दी जाती है तथा अन्य मानवोचित … Read more

अपने विवाह को मजबूत बनाएं: पश्चिम के ग्रहण से कैसे बचें(How to Protect Your Marriage from the Eclipse of the West)

दांपत्य जीवन की सुव्यवस्था पर पारिवारिक, सामाजिक, व्यक्तिगत, सभी प्रकार की उन्नति प्रगति निर्भर करती है। पति-पत्नी के सहयोग, एकता, परस्पर आत्मोत्सर्ग, त्याग, सेवा आदि से दांपत्य जीवन की सुखद और स्वर्गीय अनुभूति सहज ही की जा सकती है। जब इनमें किसी तरह का व्यतिरेक और व्यतिक्रम उत्पन्न होता है तो वह विवाह- विच्छेद के … Read more

विवाह: बदलते समय में बदलते विचार-4 पुरानी धारणाओं  (Marriage in Modern India: Evolving Concepts and Changing Perceptions)

विवाह के संबंध में देश-काल के अनुसार अनेक मान्यताओं में हेरा-फेरी स्वाभाविक एवं आवश्यक है। इनमें से कुछ मान्यताएँ अंधविश्वास का परिणाम हैं और कुछ भिन परिस्थितियों व कालखंड में निरूपित व्यवस्थाएँ हैं, जो अब समय तथा समाज का स्वरूप बदल जाने के कारण अप्रासंगिक और अर्थहीन हो गई हैं। आदर्शों की स्थापना, पालन एवं … Read more

दुनिया भर की 18 अनोखी शादी की रस्में (Duniya Bhar Ki 18 Anokhi Shaadi Ki Rasmein)।18 Unique Wedding Rituals from Around the World

काफी दिनों से एक युवक अपने पड़ोस की युवती के इर्द-गिर्द चक्कर लगाया करता था। युवती भी उसकी ओर आकृष्ट हुई और एक दिन युवक ने एक अँगूठी खरीदी तथा पड़ोसिन लड़की के पास जाकर बोला, “मिस! क्या आप मेरी भेंट की हुई अंगूठी पहनना पसंद करेंगी ? युवती ने अपने बाएँ हाथ की हथेली … Read more

विवाह पद्धति कौतुक न बनाया जाए । Simple Weddings: The Key to a Happy Life

भारतीय समाज में दीर्घ दासता के कारण तरह-तरह की विचित्र विसंगतियाँ एवं अंतर्विरोध घर कर गए हैं। अंधकार-युग में पनपे इन दोषों को दूर करने पर ही हम सचमुच सुसंस्कृत कहला सकते हैं। ऐसी विसंगतियों का एक मूर्तरूप यहाँ प्रचलित वर्तमान विवाह-व्यवस्था है। एक ओर तो हर भारतीय विवाह को धार्मिक कृत्य कहता-मानता है। संसार … Read more

विवाह: एक स्वस्थ रिश्ते के लिए आवश्यक तत्व (Vivah: Ek Swasth Rishte Ke Liye Avashyak Tatv)How to Make Marriage Healthier: A Guide for Couples

भारतीय विवाह संस्था रुग्ण और विकृत हो चुकी है। उसका अब न कोई समकालीन वैश्विक संदर्भ है, न ही सनातन शास्त्रीय संदर्भ। यह विकृति मनोविज्ञान, लूटमार की व्यवस्था तथा उसकी प्रतिक्रिया, बुढ़ियापुराण और अंधानुकरण की कर्दम प्रवृत्तियों का एक ज्वलंत उदाहरण मात्र है। उसमें से स्वस्थ, उपयोगी, लाभकारी और कल्याणकारी तत्त्व समाप्तप्राय हो चले हैं। … Read more

जीवनसाथी के चुनाव के आधार(How to Find a Life Partner?)

प्रत्येक युवक-युवती गृहस्थ जीवन में प्रवेश के पूर्व एक रहस्यमय कल्पना-लोक में रहते हुए भावी गृहस्थी की झशक्रियाँ देखते और विचार करते हैं। आशाओं-आकांक्षाओं के एक विशाल भवन का वे कल्पना-लोक में निर्माण करते हैं। युवक की इच्छा रहती है कि उसकी भावी जीवन सहचरी में परी-सा सौंदर्य हो, ब्रह्मवादिनियों-सा तेज हो, विद्वत्ता और संस्कृति … Read more

विवाह का उद्देश्य । Purpose of marriage

आजकल के आधुनिक युग में विवाह का क्या उद्देश्य रह गया है? इन दिनों एक ऐसी धारणा बन चुकी है कि विवाह दो अकियों का एक निजी मामला है, विवाह के द्वारा दो व्यक्ति अपनी कुछ विशेष आवश्यकताओं की पूर्ति की व्यवस्था करते हैं। जब यह धारणा बन जाए तो स्वाभाविक है कि विवाह के … Read more