विवाह: बदलते समय में बदलते विचार-4 पुरानी धारणाओं  (Marriage in Modern India: Evolving Concepts and Changing Perceptions)

विवाह के संबंध में देश-काल के अनुसार अनेक मान्यताओं में हेरा-फेरी स्वाभाविक एवं आवश्यक है। इनमें से कुछ मान्यताएँ अंधविश्वास का परिणाम हैं और कुछ भिन परिस्थितियों व कालखंड में निरूपित व्यवस्थाएँ हैं, जो अब समय तथा समाज का स्वरूप बदल जाने के कारण अप्रासंगिक और अर्थहीन हो गई हैं। आदर्शों की स्थापना, पालन एवं … Read more

दुनिया भर की 18 अनोखी शादी की रस्में (Duniya Bhar Ki 18 Anokhi Shaadi Ki Rasmein)।18 Unique Wedding Rituals from Around the World

काफी दिनों से एक युवक अपने पड़ोस की युवती के इर्द-गिर्द चक्कर लगाया करता था। युवती भी उसकी ओर आकृष्ट हुई और एक दिन युवक ने एक अँगूठी खरीदी तथा पड़ोसिन लड़की के पास जाकर बोला, “मिस! क्या आप मेरी भेंट की हुई अंगूठी पहनना पसंद करेंगी ? युवती ने अपने बाएँ हाथ की हथेली … Read more

विवाह पद्धति कौतुक न बनाया जाए । Simple Weddings: The Key to a Happy Life

भारतीय समाज में दीर्घ दासता के कारण तरह-तरह की विचित्र विसंगतियाँ एवं अंतर्विरोध घर कर गए हैं। अंधकार-युग में पनपे इन दोषों को दूर करने पर ही हम सचमुच सुसंस्कृत कहला सकते हैं। ऐसी विसंगतियों का एक मूर्तरूप यहाँ प्रचलित वर्तमान विवाह-व्यवस्था है। एक ओर तो हर भारतीय विवाह को धार्मिक कृत्य कहता-मानता है। संसार … Read more

विवाह: एक स्वस्थ रिश्ते के लिए आवश्यक तत्व (Vivah: Ek Swasth Rishte Ke Liye Avashyak Tatv)How to Make Marriage Healthier: A Guide for Couples

भारतीय विवाह संस्था रुग्ण और विकृत हो चुकी है। उसका अब न कोई समकालीन वैश्विक संदर्भ है, न ही सनातन शास्त्रीय संदर्भ। यह विकृति मनोविज्ञान, लूटमार की व्यवस्था तथा उसकी प्रतिक्रिया, बुढ़ियापुराण और अंधानुकरण की कर्दम प्रवृत्तियों का एक ज्वलंत उदाहरण मात्र है। उसमें से स्वस्थ, उपयोगी, लाभकारी और कल्याणकारी तत्त्व समाप्तप्राय हो चले हैं। … Read more

पाश्चात्य और पौर्वात्य वैवाहिक जीवन (Western and Eastern marital life)

पानी के बुलबुलों की तरह बनने-बिगड़ने वाले विवाह- संबंधों ने पाश्चात्य जगत पर दो बहुत बुरे प्रभाव डाले हैं। एक तो उस वचन-अनुबंध का निर्वाह कब तक हो सकेगा इसकी अनिश्चितता । पति-पत्नी प्रमुखतः वासनात्मक आकर्षण से विवाह करते हैं। वह जब तक दोनों ओर से पटरी पर चलता रहता है, तब तक वह अनुबंध … Read more

जीवनसाथी के चुनाव के आधार(How to Find a Life Partner?)

प्रत्येक युवक-युवती गृहस्थ जीवन में प्रवेश के पूर्व एक रहस्यमय कल्पना-लोक में रहते हुए भावी गृहस्थी की झशक्रियाँ देखते और विचार करते हैं। आशाओं-आकांक्षाओं के एक विशाल भवन का वे कल्पना-लोक में निर्माण करते हैं। युवक की इच्छा रहती है कि उसकी भावी जीवन सहचरी में परी-सा सौंदर्य हो, ब्रह्मवादिनियों-सा तेज हो, विद्वत्ता और संस्कृति … Read more

सुगंध से स्वास्थ्य लाभ: सुगंध आपके स्वास्थ्य को कैसे बेहतर बना सकती है (Breathe Easy, Live Healthier: Top Health Benefits of Fragrance Therapy)

ज्ञानेन्द्रिय मस्तिष्क को ऊर्जातंत्र माना गया है। हृदय उसके लिए ईंधन जुटाता है। मस्तिष्कीय संरचना कैसी ही विलक्षण क्यों न हो, इसे आवश्यक जानकारियाँ प्राप्त करने और ज्ञान- संपदा बढ़ाने के लिए ज्ञानेंद्रियों(sense organs) पर निर्भर रहना पड़ता है। आम धारणा यह है कि कान और आँख की भूमिका अन्य इंद्रियों की तुलना में अधिक … Read more

स्नान और जल: एक प्राकृतिक उपचार । Importance of water

पानी क्यों जरूरी है? मानव जीवन के निर्माणकारी तत्त्वों में जल का प्रमुख स्थान है। शारीरिक स्वास्थ्य, बाह्य और भीतरी अंगों की सफाई, शारीरिक शुद्धि और पवित्रता के लिए जल का उपयोग आदिकाल से किया जाता रहा है। कटे हुए स्थानों पर गीले कपड़े की पट्टी बाँधने की परंपरा अत्यंत प्राचीन है। इंग्लैंड में सर … Read more

क्या है श्राद्ध का असली रहस्य ।Shradh kyu kiya jata hai

श्राद्ध का मतलब श्रद्धा से श्राद्ध शब्द बना है। श्रद्धापूर्वक किए हुए कार्य को श्राद्ध कहते हैं। सत्कार्यों के लिए, सत्पुरुषों के लिए आदर की, कृतज्ञता की भावना रखना श्रद्धा कहलाता है। उपकारी तत्त्वों के प्रति आदर प्रकट करना, जिन्होंने अपने को किसी प्रकार लाभ पहुँचाया है, उनके लिए कृतज्ञ होना श्रद्धालु का आवश्यक कर्तव्य … Read more

विवाह का उद्देश्य । Purpose of marriage

आजकल के आधुनिक युग में विवाह का क्या उद्देश्य रह गया है? इन दिनों एक ऐसी धारणा बन चुकी है कि विवाह दो अकियों का एक निजी मामला है, विवाह के द्वारा दो व्यक्ति अपनी कुछ विशेष आवश्यकताओं की पूर्ति की व्यवस्था करते हैं। जब यह धारणा बन जाए तो स्वाभाविक है कि विवाह के … Read more